प्रज्ञा की कृति:- मैं कलयुग _________
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By Admin
Published - 19 April 2025 325 views
प्रज्ञा मिश्रा ✍️।
मै कलयुग ............
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कल्मष,कलंक, कुकर्म
को लेकर मै आगे बढ़ा ,
दयालुता, उदारता, पवित्रता
को चीरता मै आगे बढ़ा ll
तिमिर ,तृष्णा, दयाशून्य से
ऐसी सुसज्जित की दुनिया
निम्नता,अधमता,हीनता
को लेकर मै आगे बढ़ा ll
कलुषित, कुरूप काया है मेरी
कि दुरवस्था,क्षुद्रता,दरिद्रता
को लेकर मै आगे बढ़ा ll
जिन-जिन ने जब-जब
मुझे धरण किया,
उन-उन का विस्रवण
करता हुआ मै आगे बढ़ा ll
क्लेशता के प्रभाव की
माया है ऐसी मेरी,
कि सबके विश्वास पर
विश्वासघात की छाप
छोड़ मै आगे बढ़ा ll
निरंतर, असहाय चलते
हुए मै कलयुग,
अपनी वेदना, विमुखता,शून्यता
का भार लेकर आगे बढ़ा ll
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